In this post, I am going to share the Best & Latest Nature Shayari In Hindi With Images, If you love nature then defiantly you love this post. I am also sharing Nature Shayari Images if you want then click on the download button, Also share on all social media.
Dharti par jeevan ke laalan-paalan ke lie Nature ek uphaar hai. paryaavaran ke lie paryaavaran ke sansaadhan jaise- hava, paanee chamak, bhoomi, jangal, aur praakrtik tatv. hamaare vaataavaran par svasth jeevan ko mishan ke lie saksham hona chaahie.
Jaise ki hum jante hain ki Nature Humare Pehle Guru hai jine humko bohoot kuch sikhya hai. Kaise koi toot ke fir se khud ko bher leta hai. Hum isliye prateek varsh 5 june ko World Environment Day (विश्व पर्यावरण दिवस) mnate Hain. Environment ko bchane ke liye hume bohhot se prayaas krne honnge aur ek jaruri point ye hain ki Environment humper ni balki hum Environment per Nirbhar hain.
Also Read – True Life Status In Hindi
Contents
Nature Shayari In Hindi
हरे रंग से उत्पन्न नीला, नीले रंग से धानी;
जल है, तो वन संरक्षित, वन है, तो है पानी.
बादल से निकलकर, सोना गिरा पिघल कर;
दुल्हन सी शरमा रही, सहर शाम में ढल कर.
धरती गगन हवा पवन ये सब प्रकृति के फूल हैं,
इनके एहसास ही गुलों की खुशबू और गुलशन का उसूल हैं…
प्रकृति शायरी
हर कण से धरा पावन हो जाती;
हर रूह गर दर्पण हो जाती.
एक प्याला भरा रखा, ये नीर है या क्षीर है;
आसमान से उतरा मानो, मन चखने को अधीर है.
क़ुदरत क्या कहती है कैसे,
कहती है क्यों कहती हैं,
ये तो ऊपर वाले की आवाज़ हैं,
जो हमेशा कायम रहती हैं…
प्रकृति भी सिखाती है जीवन जीने की कला…
सुदृढ़ होकर भी वृक्ष देते हैं लताओं को पनाह…
हर दिशा में है उमंग, खामोशियाँ यहाँ अभंग;
सुनो! कुछ है गा रही, झंकार पर हर एक तरंग.
Shayari On Nature In Hindi
नहीं मिलन है किसी क्षितिज पर, झील से बोला बादल;
आहें मुझ तक अश्रु तुम तक, लाता और ले जाता जल.
बूझ सको तो जान लो, क्या संकेत है निराला;
हरे रंग में ब्रश घुमाकर कुछ तो है लिख डाला.
आज हम कुछ कर सकते हैं,
इस रोती हुई प्रकृति के आंसू,
हम पोछ सकते हैं,
एक वक्त बाद प्रकृति के,
सारे आंसू सूख जाएंगे।
शाख से पत्ते गिरे हो, मैं ऐसे भटकना नहीं चाहती हूँ…
मैं अपनी भी जड़ें रखना चाहती हूँ…
हाँ … मैं जमीन से ही सदा जुड़े रहना चाहती हूँ…
Shayari In Hindi On Nature
तुम बचाते हो दो पेड़ों को तो अपना भविष्य बचाओगे…
वहम छोड़ झूठे जीवन का सच में कुछ कर जाओगे…
इंतजार है एक तेरा… कश्ती पर सवार हो…
समंदर की मस्ती भरी लहरों पर चलें…
सुनो अब चलें उस नीले गगन के तले…
नहीं कैद रहना है मुझे इन चार दिवारों में…
मुझे तो जीना है इस प्रकृति की हवाओं में…
कुदरत साथ ना दे तो दुनिया साथ नहीं देती…
मेरी अपनी ही परछाई धूप आने के बाद मिली…
Shayari In Hindi Nature
बादलों के साये में, पर्वतों की बाहों में;
राहतें यही बसती हैं झील की पनाहों में.
सभी फूलों का एक साथ खिल जाना…
प्रकृति सिखाती है समझौते में सुकून पाना…
पुस्तक और प्रकृति से बेहतर…
मित्र दुनिया में और कोई नहीं…
मातृत्व भरा व्यवहार और है करुणामयी जिसकी दृष्टि…
ध्यान रखिए उस प्रकृति का खुशहाल रखिए अपनी सृष्टि…
प्रकृति भी सिखाती है जीवन जीने की कला…
सुदृढ़ होकर भी वृक्ष देते हैं लताओं को पनाह…
Review & Discussion